सच्चियां मोहब्बता बुलंद करके रखना पितारी में तू बंद करके रुसना भी हंसना भी नाल तेरे सबसे छुपा रखना अंग संग मैंने हाय आया जीत लूं जमाने से मैं जंग करके तुझ पे दुपट्टे वाला रंग करके सूट से अपने मैं लूंगी मिला रखना तुझे सीने पे अब मैंने हाय हाय छुप छुप तकती हूं कह ना सकती हूं छुप छुप तकती हूं कह ना सकती हूं तू क्या जाने मेरे यार तू क्या जाने मेरे यार हो संग ना छोड़

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