ओ रोशन तुझ से मेरा जहां है तू लाख गोलियों सा चल रहा शाम में रंगोली सी रातें तारों वाली ऐसा इश्क हुआ है जैसे आई दिवाली बातें फूलों जैसी दिल पे इश्क की लाली ऐसा इश्क हुआ है जैसे आई दिवाली लम्हा लम्हा अब यूं है दो दिल इश्क में है पागल